दिल में लगी है जो आग
उसका धुआं है ये आंसू
सुबह और शाम जो की है
वो दुआ हैं ये आंसू
दफ्न किये जिंदा अरमानो के कब्र
पर चदे फूल हैं ये आंसू
भुला न पाए जो उम्रभर
वो भूल हैं ये आंसू
इनसे न तू नज़रें चुरा
तेरी बेरुखी के पहचान हैं ये आंसू
दोस्त होकर दुश्मन की तरह चाहने वाले
तेरी इस चाहत के कद्रदान हैं ये आंसू
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